दैनिक शाक्य समाचार रिपोर्ट प्रमोद कुमार
बरेली: तहसील मीरगंज के छोटे से गांव के रहने बाले और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष एव न्यूज़ 24 लाइव एक्सप्रेस के संपादक योगेंद्र कुमार योगी ने कहा कि प्रत्येक राष्ट की अपनी निश्चित भाषा होती है जो उसकी सबसे प्रमुख पहचान होती है सम्पूर्ण राष्ट उस भाषा का प्रयोग करता है संविधान द्वारा उसे मान्यता प्रदान कि जाति है इस कारण यह शासन प्रशासन के क्षेत्र में प्रयुक्त की जाती है
बिना राष्ट्रभाषा के राष्ट्र में कोई भी कार्य समायोजित रूप में नहीं हो सकता तथा भाषा के क्षेत्र में सदैव अराजकता की स्थिति बनी रहती है।इसीलिए भारतेंदु हरिश्चंद्र की ने भी कहा है। ''निज भाषा उन्नति अहै , सब उन्नति के मूल ,बिन निज भाषा ज्ञान के मिटत न हिय को शूल ''भाषा ही है
जो संपूर्ण राष्ट्र के एकता के सूत्र में बांधकर रखती है उसमें राष्ट्रीयता का भाव जागृत करती है अत: राष्ट के लिए उसकी अपनी एक निर्धारित वह सर्वमान्य भाषा होना अनिवार्य है प्रत्येक राष्ट्र के कुछ अपने मानक होते हैं जैसे राष्ट्रीय पुष्प राष्ट्रीय पशु राष्ट्रीय पक्षी राष्ट्रीय फल इस तरह राष्ट्र की अपनी भाषा भी होती है जैसे अपने भारत देश की भाषा हिंदी है